पंजीकृत सोसायटी / अन्य प्रतिष्ठान
पंजीकृत समितियां
केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड (सीबीडब्ल्यूडीबी)
सीडब्ल्यूडीबी का गठन एकीकृत नीतिगत विकास के साथ ऊन उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न हितों का समन्वयन करने के उद्देश्य से 1987 में की गई थी और इसका मुख्यालय जोधपुर, राजस्थान में है। सीडब्ल्यूडीबी को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1958 के अंतर्गत एक समिति के रूप में पंजीकृत किया गया है। यह बोर्ड के शासी निकाय के समग्र मार्गदर्शन तथा वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के नियंत्रणाधीन कार्य करता है। बोर्ड, ऊन क्षेत्र के विकास और वृद्धि से संबंधित विषयों पर वस्त्र मंत्रालय के परामर्शदात्री निकाय के रूप में भी कार्य करता है। वस्त्र मंत्रालय ने अगस्त, 2014 में श्री जसवंत सिंह बिश्नोई को बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। बोर्ड के शासी निकाय में कुल 29 सदस्य है।
सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टेक्सटाइल्स एंड मैनेजमेंट (एसवीपीआईएसटीएम)
एसवीपीआईएसटीएम की स्थापना 24 दिसंबर, 2002 को भारतीय वस्त्र उद्योग को मल्टीफाइबर एग्रीमेंट के बाद के दौर की चुनौतियों का सामना करने के लिए वस्त्र उद्योग को तैयार करने और वैश्विक वस्त्र बाजार में इसे एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से कोयम्बटूर, तमिलनाडु में वस्त्र प्रबंधन के एक प्रीमियर राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में की गई थी। बोर्ड में अकादमिक क्षेत्र के विख्यात लोगों तथा उद्योग के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए 18 सदस्य, एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष होते हैं। 15 अक्तूबर, 2013 को तीन वर्षों की अवधि के लिए बोर्ड का पुनर्गठन किया गया था।
सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टेक्सटाइल्स एंड मैनेजमेंट, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में स्थापित स्वायत्त निकाय है। यह मूल संस्थान पेशेवर वस्त्र प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा तथा वस्त्र क्षेत्र में प्रशिक्षित, सक्रिय एवं पेशेवर कार्य के प्रति नई आवश्यकता की धारणा ने इस संस्थान को जन्म दिया।
2002 में स्थापित हुआ सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टेक्सटाइल्स एंड मैनेजमेंट सफल पेशेवर लोगों को तैयार करके, जो अपनी बौद्धिक पूंजी, श्रेष्ठता के प्रति प्रतिबद्धता और निरंतर विकास के द्वारा स्वयं को अलग साबित करते हैं, वस्त्र उद्योग को संवेदनशील और पेशेवर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। तिरूपुर निर्यातक संघ, दक्षिण भारत मिल संघ तथा विद्युतकरघा एवं निर्यात संवर्धन परिषद जैसे वस्त्र संघों ने ने इस संस्थान के विकास के लिए उदारता से दान दिया है। इसके अलावा वस्त्र उद्योगों जैसे 1. एनटीसी (नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन) 2. रिलायंस, 3 भारतीय कपास निगम लि., 4. लक्ष्मी मशीन वर्क्स, 5. गंगोत्री टेक्सटाइल, 6. वीआरएमवी शंकरनारायणन दक्षिण धमार्थ ट्रस्ट, 7. सुपर स्पिनिंग मिल्स लि. और 8. प्रीकोट मिल्स ने इस संस्थान के लिए अत्याधिक दान दिया है।
मौजूदा वस्त्र उद्योग में व्यापक विस्तार होने के साथ परिवर्तन के लिए तकनीकी जानकारी से युक्त श्रेष्ठ प्रबंधकीय लोगों की आवश्यकता है। बदलते समय के साथ यह संस्थान, वस्त्र क्षेत्र के बदलते समीकरणों के साथ तालमेल बैठाने के लिए पहले से सक्रिय होकर कार्य कर रहा है। यह संस्थान एकल विजन, बौद्धिक अनुशासन और टीमवर्क भी भावना के विचारोत्तेजक समन्वय को बढ़ावा दे रहा है। प्रभावी निष्पादन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है तथा पाठ्यक्रम अनुसंधान, परामर्श, कार्यकारी विकास और ज्ञान प्रबंधन के क्षेत्रों में अभ्यास उन्मुखी शैली पर बल दिया जाता है। हाल ही में यह संस्थान नवाचारियों को उनके नवाचारों के उद्यम के माध्यम से सफलतापूर्वक वाणिज्यिकरण करने में मदद करने वाला एक नवाचारी, उद्भवन और उद्यमिता केंद्र के रूप में उभरा है। विश्वभर में वस्त्र उद्योग के सबसे सफल और सशक्त अप्रवासी भारतीयों द्वारा बनाई गई राहों का अनुसरण कर रहा है।
अन्य संस्थान
राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प संग्रहालय (एनएचएचएम):
राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प संग्रहालय, नई दिल्ली की स्थापना 30 वर्ष पूर्व वस्त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन की गई थी। लगभग 5 एकड़ के क्षेत्र में संग्रहालय के ग्रामीण परिसर में विभिन्न राज्यों के गांव के घरों, बरामदों और धार्मिक स्थलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 ढांचे मौजूद हैं। संग्रहालय में भारतीय शिल्प परंपरा को प्रदर्शित करने वाली लगभग 20,000 अत्यधिक दुर्लभ और विशिष्ट वस्तुएं मौजूद हैं।
पता:
वरिष्ठ निदेशक
प्रगति मैदान
भैरों रोड
नई दिल्ली - 110 001
भारत
फोन :
+91-11-3317641
+91-11-3318287
फैक्स:
+91-11-3327515